THE ULTIMATE GUIDE TO BAGLAMUKHI SADHNA

The Ultimate Guide To baglamukhi sadhna

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7] She is going to hinder you by kicking you in your back again, slapping you and punching on the chest or abdomen, building scary noises, laughing in an extremely fearsome way. She may perhaps inquire you why you are executing this Baglamukhi Mantra Sadhana and let you know to halt chanting the Mantra or else she's going to kill you together with her Khappar and drink your blood.

Mother’s title is likewise Pitambara, she is extremely fond of yellow coloration, so yellow material is utilised quite possibly the most in her worship. The color with the goddess is yellow like gold, Therefore the seeker should really don yellow outfits while worshiping the mother.

“यजुर्वेद’के प्रसिद्ध ‘आभिचारिक प्रकरण’ में अभिचार-स्वरूप की निवृत्ति में इसी शक्ति का विनियोग किया गया है। इस प्रकरण का ‘यजुर्वेद’ की सभी संहिताओं (तैत्तरीय, मेत्रायणी, काक, काठक, माध्यन्दिनि, काण्व) में समान-रूप से पाठ आया है। ‘माध्यन्दिनि संहिता’ के भाष्य-कर्त्ता उव्वट, महीधर भाष्यकारों ने जैसा अर्थ इसका लिया है, उसका सार यहाँ देते हैं। पं० ज्वालाप्रसाद कृत मिश्र भाष्य में इसका हिन्दी अनुवाद भी दिया गया है।

उक्त कथानक के अनुकूल ‘कृष्ण-यजुर्वेद’ की काठक-संहिता में दो मन्त्र आए हैं, जिनसे श्रीबगला विद्या का वैदिक रूप प्रकट होता है- विराड्-दिशा विष्णु-पत्यघोरास्येशाना सहसो या मनोता ।

षोडशोपचार पूजन, ध्वज चढ़ाने के पश्चात देवी आरती।

सर्वप्रथम, देवी को अनामिका से (कनिष्ठिका के समीप की उंगली से) चंदन लगाएं । इसके उपरांत दाएं हाथ के अंगूठे और अनामिका के बीच चुटकी भर पहले हलदी, फिर कुमकुम भगवती के चरणों में अर्पित करें।

The gurus are identified with scripture-discussion and also the yogi is determined with yoga. Simultaneously, the seeker is recognized along with his siddhi.

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं फट

‘अदितिः’ अविनाशी-स्वरूप देव-माता ‘उपस्थे’ हम उपासकों के समीप, ‘शिवा’ कल्याण-स्वरूपवाली, ‘अस्तु’ हो।

- दीपक की बाती को read more हल्दी या पीले रंग में लपेट कर सुखा लें।

वाग् वै देवानां मनोता तस्यां हि तेषां मनांसि ओतानि

यहाँ तक आप अपने कर्मो से और भाग्य से जीत हासिल कर सकते है । आज समय में हर एक चीज का कम्पटीशन चाहे वो कारोबार ,पढ़ाई लिखाई , वहाँ दूसरे व्यक्ति से अच्छे नंबर प्रपात करने की दौड़ लगी है । अपने प्रतियोगी से जितने के लिए आप इस साधना को कर सकते है । एक वियक्ति जो पंजाब का रहने वाला था उसका नाम नहीं कॉपीराइट या कोइ और दिकत हो सकती है ।

दीयते ज्ञान विज्ञानं क्षीयन्ते पाप-राशय: ।

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